कहा है धर्म तोड़ता नही जोड़ता है। यह कैसा धर्म है जो दंग्गे करवा रह है , मासूम लोगों कि जान ले रहा है.
करनाल कि यह तसवीरें बयां करती है
करनाल कि यह तसवीरें बयां करती है
कि कैसे चन्द नेता लोग अपने सवार्थ के लिए लोगों कि जान से खेल जाते हैं । क्या धर्म के नाम पर भाई को भाई से लडना उचित है। या इस मैं दोष हमारा है जो इन लोगों के सवार्थ को ना समझ कर तैश मे आकर हथियार उठा लेते है।