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Sep 15, 2011

हिंदी को बनाएं माथे की बिंदी


करनाल, जागरण संवाद केंद्र : हिंदी दिवस पर जिले के विभन्न शिक्षण संस्थाओं, समाजसेवी संस्थाओं और सरकारी कार्यालयों की ओर से आयोजित कार्यक्रमों में मातृभाषा को माथे की बिंदी बनाने का संदेश दिया गया। वक्ताओं ने हिंदी को देश की एकता की भाषा करार दिया। उन्होंने इस भाषा का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा करने पर जोर दिया।
राजकीय महिला कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी समिति के सदस्य डॉ. रविंद्र गासो ने कहा कि समाज भाषा का कारखाना है। जनता ही भाषा का निर्माण करती है। प्रिंसिपल डॉ. महावीर नैन ने कहा कि भाषा विचारों के आदान-प्रदान का साधन है। डॉ. अशोक भाटिया ने कहा कि विश्व के 18 प्रतिशत लोग हिंदी में बात करते हैं। इस दौरान अनुपमा शर्मा, आरती गोयल, भावना, डॉ. बिमला रूहिल आदि मौजूद थे।
केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राष्ट्रीय पशु अनुवांशिक संसाधन ब्यूरो के निदेशक डॉ. बीके जोशी रहे। उन्होंने कहा कि इस समय हिंदी की दिशा पर कई तरह की संभावनाएं व्यक्त की जा रही हैं, लेकिन यह भी सही है कि विश्व पटल पर हिंदी का वर्चस्व लगातार बढ़ता जा रहा है। हिंदी में विश्व की भाषा बनने की तमाम विशेषताएं मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालयों में हिंदी का अधिक से अधिक इस्तेमाल होना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के निदेशक डॉ. डीके शर्मा ने की। कार्यक्रम में हिंदी पखवाडे़ के दौरान आयोजित की गई प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया गया। मंच संचालन डॉ. एसके सिंह ने किया। बुद्धा कॉलेज ऑफ एजुकेशन में उत्साह से हिंदी दिवस मनाया गया। प्राध्यापक सोहन शर्मा ने हिंदी दिवस के महत्व के बारे में बताया। प्रिंसिपल डॉ. मोहम्मद रिजवान ने हिंदी की गौरव गाथा बताई। इस दौरान डॉ. असित मंत्री और संस्थान की निदेशक वीनू परीदा मौजूद रहीं।
भारतीय खाद्य निगम में आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत क्षेत्र प्रबंधक प्रभारी डीएस मीणा व राजभाषा अधिकारी कुसुमलता ने की। उन्होंने इस दिवस के महत्व के बारे में बताया।
एमएसएमई विकास संस्थान में आयोजित तत्काल हिंदी निबंध लेखन प्रतियोगिता में कर्मचारियों और अधिकारियों ने उत्साह से भाग लिया। प्रतियोगिता की शुरुआत संस्थान के निदेशक विजय कुमार ने विजय कुमार ने की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि इग्नू के क्षेत्रीय केंद्र के निदेशक डॉ. अशोक शर्मा रहे।
अखिल भारतीय एकलव्य जनहित सोसायटी ने प्रिया परिवार की सेक्टर नौ शाखा एनआइटीएस कंप्यूटर एजुकेशन संस्थान में हिंदी दिवस मनाया। संस्थान की निदेशक कंचन शर्मा ने बताया कि हर छात्र हिंदी भाषा का इस्तेमाल कर कंप्यूटर के क्षेत्र में अपनी भूमिका अदा कर सकता है। प्रो. चंद्रप्रकाश आर्य ने कहा कि पिछले 50-60 वर्ष में देश के भीतर और देश के बाहर हिंदी का चलन अप्रत्याशित रूप से बढ़ा है। सोसायटी के अध्यक्ष वरुण आर्य ने का कि हिंदी कोई निर्धनो की भाषा नहीं है। संस्कृत से बनी हिंदी के शब्द कोष में असंख्य शब्द है, जो इसकी समृद्धता के प्रतीक हैं। गुरमीत सिंह व दिनेश अरोड़ा ने बताया कि फेसबुक पर भी सोसायटी के ग्रुप इकलाब जिंदाबाद लाग लाइव द रेव्यूलेशन के तत्वावधान में हिंदी पखवाड़ा मनाया जा रहा है।
राष्ट्रीय पशु अनुवंशिक संसाधन ब्यूरो में हिंदी दिवस उत्साह के साथ मनाया गया। हिंदी चेतना मास की आयोजन समिति के चेयरमैन मधुसूदन टांटिया ने कृषि मंत्री का संदेश पढ़कर सुनाया। कार्यक्रम की अध्यक्षता निदेशक डा. बीके जोशी ने की। मंच संचालन राजभाषा अधिकारी सतपाल ने किया। राजकीय महाविद्यालय में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रिंसिपल डॉ. राधेश्याम शर्मा ने कहा कि हिंदी दिवस पर स्वध्यायी बनने की शपथ लेनी चाहिए। इस दौरान कार्यक्रम प्रभारी सुरेंद्र सहगल, वीणा दहिया, महिला प्रकोष्ठ प्रभारी रश्मि कालड़ा, डा. राजेश, व नीटा नागपाल मौजूद रहीं। हांसी रोड स्थित कर्ण पब्लिक स्कूल हिंदी दिवस पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रिंसिपल कृष्ण कुमार मलिक ने कहा कि हिंदी आम आदमी की भाषा है। प्रतियोगिता में रीमा ने पहला, महक व स्वीनी ने दूसरा और सुनिधि व गूंजन ने तीसरा स्थान हासिल किया। नीलम, पूनम व शंाति ने भी बच्चों को प्रोत्साहित किया। बडौता राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में हिंदी दिवस मनाया गया। प्रिंसिपल नरिंद्र सिंह विर्क ने हिंदी के महत्व पर प्रकाश डाला। इस दौरान सुनील कुमार, रमेश, बलबीर, स्वर्ण लता, नीलम, सुभाष, अनीता, सरोज, रमा, पंकज, मोहिनी आदि उपस्थित थे।



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